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गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

अकेले बनाई कंपनी , अब हैं 80 हजार कर्मचारी

कैडबरी के संस्थापक ने दो सदी पहले बर्मिंघम में शुरू किया था कारोबार।
अकेले बनाई कंपनी , अब हैं 80 हजार कर्मचारी
1854 में जाॅन कैडबरी को क्वीन विक्टोरिया की ओर से पहला राॅयल वाॅरंट मिला, जिसमें उन्हें शाही परिवार के लिए चाॅकलेट बनाने को कहा गया।
फिलहाल कैडबरी कंपनी की कुल संपत्ती 11 बिलियन पाउंड ( करीब 1 हजार अरब रूपए ) है
18वीं सदी के इंग्लैंड में ‘क्वाॅकर्स फैमिली‘ नामक समुदाय थे। ये लोग खुद को ‘दोस्तो का धार्मिक समूह‘ कहते थे। इनकी अपनी मान्यताएं, परंमपराएं और नियम तो थे लेकिन वे किसी चर्च या धार्मिक 
संस्था से नहीं जुडे़ थे। ईश्वर और अपने बीच किसी अन्य की मौजूदगी उन्हें नापसंद थी। यूरोप की  यूनिवर्सिटीज में आमतौर पर इनके बच्चों को प्रवेश नहीं मिलता था और न ही इन्हे सेना में जाने का अवसर मिलता था। ऐसे में मेडिकल, इंजीनियरिंग या सेना का कॅरिअर क्वाॅकर्स युवाओं के लिए दूर की कौड़ी था। जाहिर है बिजनेस ही उनके लिए एकमात्र सुरक्षित रास्ता था। ऐसे ही एक परिवार में 12 अगस्त 1801 को ‘कैडबरी‘ के संस्थापक जाॅन कैडबरी का जन्म हुआ। जाॅन के साथ दिक्कत यह थी कि उनका परिवार शराब, मांस, धूम्रपान आदि व्यसनों का मुखर विरोधी था। खुद जाॅन की भी अपनी परंपरा और मूल्यों के प्रति गहरी आस्था थी। इसलिए उस दौर के अन्य युवाओं की तरह वे किसी भी बिजनेस में हाथ नहीं डाल सकते थे।े
जाॅन अपने स्कूली दिनों में पाॅेंकेट मनी के लिए लीड्स की एक काॅफी शाॅप में काम कर चुके थे। 1824 में उन्होंने अल्कोहल पीने वालों को स्वास्थ्य के लिए हितकर ड्रिंक उपलब्ध कराने की सोच के साथ बर्मिंघम इलाके में दो कमरों में एक काॅफी शाॅप खोली। यहां उन्होंने चाय-काॅफी के साथ छोटा हिस्सा कोको और चाॅकलेट ड्रिंक के लिए रखा। दुकान चल निकली, लेकिन दिलचस्प बात हुई। चाय- काॅफी  से ज्यादा मांग जाॅन की चाॅकलेट ड्रिंक की थी, सो उन्होंने इसी उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया। इसके बाद की कहानी इतिहास में दर्ज है। कैडबरी कंपनी की शुरूआत करने के दो साल बाद 1826 में जाॅन ने अपने से दो साल बड़ी प्रिसिला एना डेमंड से शादी की, लेकिन शादी के दो साल बाद ही एना  की  मौत हो गई। 1832 में जाॅन ने कैन्डिया बारो से शादी की इस दंपती के सात बच्चे हुए।
15 साल के भीतर ही जाॅन कैडबरी अपनी खास तरह की चाॅकलेट और डिंªक्स के कारण पूरे ब्रिटेन में एक लोकप्रिय नाम हो गए। तब तक उनके भाई बैंजामिन भी कंपनी से जुड़ चुके थे और कंपनी को ‘कैडबरी ब्रदर्स‘ के नाम से जाना नाता था। 1831 में जाॅन ने एक चार मंजिला इमारत में फैक्ट्री शुरू की। 1842 तक आते-आते जाॅन की कंपनी कैडबरी 16 तरह के चाॅकलेट डिंªक और कोको बना रही थी। 1847 में जाॅन ने बर्मिंधम के बीचों-बीच नई इमारत में अपनी फैक्ट्री स्थानांतरित कर दी। 50 के दशक में जाॅन और बैंजामिन के बीच खटास आ गई और बैंेजामिन कंपनी से अलग हो गए। इसी दौर में जाॅन के बेटों रिचर्ड और जाॅर्ज ने बितनेस में रूचि लेना शुरू किया। 1861 में स्वसस्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण जाॅन रिटायर हो गए। इस वक्त उनके बेटे रिचर्ड की उम्र 25 साल और जाॅर्ज की उम्र 21 साल थी। इन युवाओं को स्थापित कारोबार मिला था, जिसे नई उंचाई पर पहुंचाया।
रिचर्ड-जाॅर्ज ने पिता के पारंपरिक तरीकों के साथ नई तकनीक का मेल कर कैडबरी को दुनियाभर की चहेती चाॅकलेट बनाया। 11 मई 1889 को जाॅन कैडबरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। दुनिया की पहली मिल्क बार चाॅकलेट 1875 में स्विट्जरलैंड कारोबारी डेनियल पीटर ने बनाई।
इस उत्पाद से कैडबरी बंधुओं को कड़ी टक्कर मिली। 1899 में रिचर्ड की मौत के बाद जाॅर्ज ने भी कारोबार अगली पीढ़ी को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि रिटायरमेंट से पहले 1905 में जाॅर्ज ने कैडबरी की मशहूर डेयरी मिल्क चाॅकलेट का अविष्कार किया।

खुद से करिए मोहब्बत

कुछ बातें जो बिगाड़ सकती हैं जीवन
तनाव दूसरों से ही मिले, ऐसा जरूरी नहीं। बहुत बार तनाव का कारण आप खुद भी हो सकते हैं। जानिए ऐसी ही कुछ बातों के बारे में जिनसे बिगड़ सकता है जिंदगी का स्वाद-
1: मैं अच्छा या अच्छी नहीं हूं , यह कहना। जबकि हर वक्त खुद को पसंद करिए। क्योंकि जब आप अपनी गलतियों की भी तारिफ करने लगंेगे तो दूसरे आपको दबाने में विफल रहेंगे।

रविवार, 26 अप्रैल 2015

4C GANDHI FONT CONVERTER



4c Gandhi to unicode font converter

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बहुत से प्रेस वाले कल से 4c से unicode में फॉण्ट कोन्वेर्टर खोल रहे हैं लेकिन खुल नहीं रहा. कृपया ये converter use करें.


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चीज़ों को समझना ज़रूरी है, उनसे डरना नहीं


1: जिंदगी में सफल होने के लिए न तो यह जानने में ज्यादा उत्सुक हों कि दूसरे क्या सोच रहे हैं, न ही चीज़ों में रूचि दिखाएं, लेकिन नए आइडिया या किसी नए विचार की खोज करिए। कुछ नया करने से ही आगे बढ़ने का रास्ता बनेगा। प्रसिद्धि मिलेगी।
2: दुनिया में ऐसी कोई चीज़ नहीं जिससे डरने की जरूरत है। फिलहाल जरूरत सिर्फ चीज़ो को सही तरीके से समझने की है। इससे डर कम होगा।

शनिवार, 25 अप्रैल 2015

खुश रहना है तो भूल जाइए इन बातों को...

खुश रहने का कोई कारण नहीं होता है। खुशी को सिर्फ महसूस किया जा सकता है । लेकिन अगर आप वाकई में खुश रहना चाहते हैं तो खुद को इन बातों से दूर रखिए, लेकिन इन्हें भूलिए मत। इन्हें याद रखने से आपको पता रहेगा कि आपको क्या बिल्कुल नहीं करना है।

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

पूरी तरह खत्म नहीं हुई कोई बीमारी


  •  चेहरे की मसल्स और स्किन पर डिम्पल बनने का कारण किसी को पता नहीं।
  • आज तक ऐसी कोई बीमारी सामने नहीं आई है, जिसे पूरी तरह खत्म कर दिया गया हो। 
  •  अमेरिका में दृष्टिहिनता के ज्यादातर मामले का बड़ा कारण डायबिटीज है।
  • वयस्क आदमी के हृदय का वजन करीब 283 ग्राम होता है।

प्यार में धोखा खाए व्यक्ति के दिमाक की हालत ठीक वैसी होेती है जैसी कोकीन का नशा करने के बाद। इसीलिए दिल टूटने के बाद लोग कुछ वक्त तक अजीब ढंग से बर्ताव करने लगते हैं। एमआरआई रिपोट्र्स के अनुसार।

गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

मुंह में होते हैं दुनिया की आबादी से ज्यादा बैक्टीरिया

1: शाम की तुलना में, सुबह मनुष्य की लंबाई 1 सेंटीमीटर ज्यादा होती है। रात में सोते वक्त रीढ़ की हड्डी के बीच तरल पदार्थ फैल जाता है, जिससे लंबाई बढ़ जाती है। दिन भर चलने फिरने से इस पर दबाव पड़ता है और यह सिकुड़ जाता है
2: एक व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी में सांसों के जरिये करीब 21 किलो धूल खा जाता हैै।
3: दुनिया की कुल जनसंख्या से ज्यादा बैक्टिरिया मुंह में पाए जाते हैं।
4: हमारी आंखें एक करोड़ प्रकार के रंगों को पहचान सकती हैे। साथ ही जो चीज देखती है, उसके बारे में अब तक जो सबसे बेहतर टेलीस्कोप बना है, उससे ज्यादा जानकारी दे सकती हैं।
6: इंसान के शरीर में जैसे ही एक पाउंड चर्बी बढ़ती है तो उसकी खून ले जाने वाली वाहिकाआंे की लंबाई 7 मील बढ़ जाती है।
7: एक दिन में पांच बार तीन-तीन मिनट मेडिटेशन करने से उतना ही फायदा होता है, जितना एक बार में 20 मिनट तक मेडिटेशन करने से होता है।
8: आधा घंटे गार्डनिंग करने से आपका तनाव ज्यादा कम होता है, बजाय इतनी देर  तक बंद कमरे में अकेले बैठकर कोई किताब पढ़ने के।
9: हमारे फेफड़े एक दिन में 30 लाख लीटर हवा खींचते हैे। इतनी हवा एक टेनिस कोर्ट के आधे हिस्से को कवर करने के लिए पर्याप्त है।

बुधवार, 22 अप्रैल 2015

जितना खुश रहेंगे उतना कम होगा जोखिम

दिल की बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में जानना जरूरी है कि हम दिल को किस तरह तंदुरूस्त बनाए रख सकते हैं, साथ ही हंसने के वे लाभ जो हमें जवां बनाए रखते हैं।

मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

साल में दो हफ्ते का मौन बढ़ा देता है क्रिएटीविटी

साल में दो हफ्ते का मौन बढ़ा देता है क्रिएटीविटी 
डाॅ.दीपक चोपड़ा, आध्यात्मिक गुरू
चेतना न तो मन है न शरीर। यह सामथ्र्य, रचनात्मक आौर अनिश्चितता का क्षेत्र है। ज्यादातर लोगों के पास अपने अस्तित्व के इस हिस्से के बारे में चिंता करने का वक्त नहीं है या वे इसकी परवाह नहीं करते।
अच्छी सेहत के लिए मौन बहुत महत्वपूर्ण है। मैं तो कहूंगा कि जिंदगी के लिए अहम है। यही वजह है कि मैं प्रतिदिन दो घंटे मेडिटेशन करता हूं। सुबह 4 बजे से 6 बजे तक। मेडिटेशन मतलब है, खुद के साथ होना। रोज मेडिटेशन के अलावा मैं साल में दो बार एक-एक हफ्ते के लिए मौन धारण करता हूं। तब मैं निर्जन स्थानों पर चला जाता हूं। यह कोई भी जगह हो सकती है। उटान जैसी कोई पहाड़ी जगह जहां न लोग हों और न कोई टेक्नोलाॅजी। यह मेरी ओर से खुद के लिए ट्रीट हाती है, खुद को दिया तोहफा होता है।

रविवार, 19 अप्रैल 2015

रन: 105 किलो का हो गया था तब शुरू किया दौड़ना।

रन: 105 किलो का हो गया था तब शुरू किया दौड़ना।
अनिल अंबानी (चेयरमैन, रिलायंस ग्रुप )
मैं कई वर्षों से दौड़ रहा हूं। लंबी दूरी की दौड़। ज्यादातर मैं उजाला होने के पहले तड़के दौड़ता हूं, जब ज्यादातर मुंबई नींद के आगोश में होती हैं। 3ः30-4 बजे में खुद-ब-खुद जाग जाता हूं। अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती। दौड़ते समय में एक प्रकार के ध्यान में चला जाता हूं। इसी अवस्था में मेरे दिमाग में बिजनेस के बेस्ट आइडिया आए हैं। लंबी दूरी की दौड़ में लोग अकेलेपन की बात करते हैं पर मुझे कभी ऐसा लगा नहीं। कभी-कभी साथ में परिचित या मित्र होते हैं। फिर में उनके हिसाब से रफ्तार एडजस्ट कर लेता हूं ताकि बातचीत में सहूलियत रहे। अकेले में संगीत सुन लेता हूं। मैं हफ्ते में छह दिन दौड़ता पांच दिन तो घर पर ही दो घंटेेे टेªडमिल पर दौड़ता हूं, लेकिन छठा दिन घर के बाहर ही होना चाहिए। में कभी रनर नहीं था। मैंने जब दौड़ना शुरू किया तो पिताजी ने कहा कि तुम जिंदगी में हर लग्जरी खरीद सकते हो, लेकिन सेहत नहीं। वे कितने सही थे। मेरा वजन तब 105 किलो था और अब 68  पर आ गया है। दौड़ने से शरीर में एंडोमाॅर्फिन्स निकलते हैं, जो न्यूरोट्रांसमीटरर्स को सक्रिय करते हैं। सार्टोनिन लेवल बढ़ने से उत्साह कई गुना बढ़ जाता है।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

सांस ही गलत लेते हैं तो सब गलत हो जाता है।

सांस ही गलत लेते हैं तो सब गलत हो जाता है।
-बाबा रामदेव: योग गुरू
ब्रीदिंग गुब्बारे की तरह होनी चाहिए। सांस भरे तो पेट फूलना चाहिए और सांस छोडे़ तो पेट पूरी तरह अंदर की ओर चला जाना चाहिए।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

समस्या है तो खुद से पूछिए ये सवाल...

ऐसे बदलिए समस्या को देखने का नजरिया
हर व्यक्ति समस्या और परेशानी को अलग नजरिये से देखता है। आप भी दिक्कतों को अपने अनुसार देखते होंगे। यह ज्यातर नकारात्मक ही हाती है। आज कुछ ऐसे े
प्रश्नो के बारे में जानिए जिसके बारे में जानकारी होने से आप समस्याओं को अलग  ही तरिके से देखने लगेंगे। जानिए इन प्रश्नो के बारे में-

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

विशेषज्ञता के लिए चर्चित हैं ये अस्पताल

दिल, किडनी, आंखों का इलाज: सत्य साई इंस्टीट्यूट अॅाफ हायर साइंसेस, पुट्टीपर्थी, आंध्र प्रदेश। फोन-91-8555-87388 ।
सत्य साई इंस्टीट्यूट आॅफ हायर मेडिकल साइंसेस, ईपीआईपी एरिया, व्हाइटफील्ड,  बेंगलुरू। फोन-91-080-28411500। ईमेल-
वैदैही हाॅस्पिटल, 82, ईपीआईपी एरिया, व्हाइटफील्ड, बेंगलुरू। फोन-91-80-28412956, ईमेल-
यहां कैंसर का सस्ता इलाज: टाटा मेमोरियल हाॅस्पिटल, मुंबईः 70 फीसदी का मुफ्त इलाज, गरीबों को आर्थिक मदद। फोन-91-22-24177000,ईमेल-
आईसीएस कैंसर डिटेक्शन सेंटर, मंुबईः करीब 50 फीसदी तक सस्ता। फोन -91-22-24125238
श्री संतराम संधि स्थान, नडियाद ( गुजरात ) मुफ्त या नाममात्र के खर्च पर कंसल्टेशन। फोन-91-268-2550005,

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

इंस्पिरेशन फ्राॅम ग्रेट बिजनेस लीडर्स: सुजुकी मिचियो युध्द के चलते लूम निर्माण और फिर आॅटोमोबाइल सेक्टर में आए।

मंा के लिए  करघा बनाकर की कंपनी की शुरूआत 
सुजुकी मिचियो का नाम जापानी इतिहास के महान व्यक्तित्व सुगावारा मिचिजेन  से प्ररित है। मिचिजेस नौवीं सदी के महान कवि और अध्येता थे, जिन्हे पूर्वी एशिया में “गाॅड अॅाफ लर्निंग“ के रूप में भी जाना जाता है।
जापान की सुजुकी मोटर काॅपेारेशन के संस्थापक सुजुकी मिचियो का जन्म 32 घरो वाले एक छोटे से गांव में 1887 को हुआ था। उनका बचपन काॅटन के खेतों में माता -पिता की मदद करते और करघे की बुनाई की बारीकियां सीखते हुए बीता। इन कामों ने सुजुकी के व्यक्तित्व पर गहरा असर छोड़ा। वे वक्त के साथ खुद को बदलते रहे और ग्राहकों के बीच रिस्ता बुनते रहे।

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

लाइफ-रिजेक्शन मिलने लगे तो याद रखिए इन बातों को

रिजेक्शन मिलने लगे तो यह मत सोचिए कि आपमेें कोई कमी है या काबिलियत कम है। रिजेक्शन जीवन का एक जरूरी सबक है। रिजेक्शन मिलने से यह सबक मिलता है कि जीवन में उन सभी चीजों को रिजेक्ट करना या दरकिनार कर देना क्यों जरूरी होता है। जो आपके लिए सही नहीं होती है। यह जानने के बाद भी अगर रिजेक्शन मिलने से दर्द पहुंच रहा है तो इन बातों का रखिए ध्यान-

गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

लेसन फ्राॅम ग्रेट थिंकर: उदासी का कारण जानने से ही होगा खुशियों का असली अनुभव...

लेसन फ्राॅम ग्रेट थिंकर: उदासी का कारण जानने से ही होगा खुशियों का असली अनुभव...
फ्योदोर दोस्तवोस्की
रूसी भाषा के एक महान साहित्यकार थे। कहानीकार, उपन्यासकार और निबंध लेखक भी थे। इनका जन्म 11 नवंबर 1821 को माॅस्को में हुआ था। उन्हें किसी वक्त मृत्यु दण्ड मिला था, लेकिन अंत समय आते-आते उसे माफ कर दिया गया था।
1: दो काम करने से लोग सबसे ज्यादा घबराते हैं। पहला, नया कदम बढ़ाना। दूसरा नया शब्द बोलना।
2: अगर भगवान ना हो तो कभी, किसी चीज पर पाबंदी न रहे।

बुधवार, 8 अप्रैल 2015

प्रधानाचार्य को जुर्माना माफ कराने के लिए प्रार्थना -पत्र


प्रतिष्ठा मेें,
श्रीयुत प्रधानाचार्य,
राममोहन राय पब्लिक स्कूल
शास्त्री नगर,
दिल्ली।

महोदय,
यों को देखते हुए कृपया जुर्माना माफ कर कृतार्थ करें।
सधन्यवाद, विनम्र निवेदन है कि कल सुबह सड़क पर भीड़ होने की वजह से मैं विद्यालय कुछ देर से पहुँचा था। कक्षा-अध्यापक महोउय ने मुझ पर पचास रूपए जुर्माना कर दिया है। मैं एक गरीब परिवार से हूँ। अतः जुर्माना देने की स्थिति में नहीं हूँ।मेरी परिस्थिति

दिनांक-28.03.15
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
गर्व गुप्ता
कक्षाः4 (स)
अनुक्रमांक-41

मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

टीचिंग: समस्या है तो खुद से पूछिए ये सवाल...

ऐसे बदलिए समस्या को देखने का नजरिया
हर व्यक्ति समस्या और परेशानी को अलग नजरिये से देखता है। आप भी दिक्कतों को अपने अनुसार देखते होंगे। यह ज्यातर नकारात्मक ही हाती है। आज कुछ ऐसे े
प्रश्नो के बारे में जानिए जिसके बारे में जानकारी होने से आप समस्याओं को अलग  ही तरिके से देखने लगेंगे। जानिए इन प्रश्नो के बारे में-

मित्र को जन्म -दिन का निमन्त्रण पत्र

प्रिय आदर्श,
        सप्रेम नमस्ते।
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला। तुम्हें याद होगा कि मेरा जन्म -दिन17 अगस्त को होता हैं।इस साल मेरे माता-पिता धूमधाम से मेरा जन्म -दिन मना रहे हैं। सायं 7.00 बजे गीत -संगीत का आयोजन किया है तथा उसके बाद रात्रि के भोजन की व्यवस्था है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मैं तुम्हें आंमत्रित करता हूँ।समय से पहले आने का प्रयास करना।

तुम्हारी मित्र

सोमवार, 6 अप्रैल 2015

टीचिंग-जानिए कैसे आएंगे कामयाब विचार.......


क्रिएटिव सोच से आते हैं बेहतर आइडिया
नया काम शुरू करने से पहले सबसे बड़ी समस्या आइडिया की होती हैं। कामयाब आइडिया के लिए ये तरीके अपना सकते हैं..
आजमाइए, लेकिन असफलता से मत घबराइए: मन में जो भी विचार आते हैं, उन्हें अमलीजामा पहनाने की कोशिश कीजिए। इनके नतीजे अच्छे न निकले तो घबराइए मत क्योंकि इसी से अच्छे आइडिया भी आएंगे।
लोगों से मिलिए, नई बातें जानिए: अपनी रूचि की चीजों के बारे में खूब पढि़ए। कुछ नया सीखने को मिले तो इसके बारे में लोगों से बातें कीजिए। वे क्या सोचते हैं, यह जानने की कोशिश कीजिए।
क्रिएटर बनिए, कंज्यूमर नहीं: सोचते समय नजरिया नए निर्माण का हो। अक्सर कुछ नया देखते ही हम उपभोग के बारे में सोचने लगते हैं, उससे बेहतर बनाने की ओर ध्यान नहीें जाता।

रविवार, 5 अप्रैल 2015

लर्निग

असफलता से डर तो जोेखिम लेना मुश्किल

  1. कामयाबी दूर इसलिए होती है क्योंकि हम खुद ही इसके रास्ते में बाधाएं खड़ी करते हैं। खुद से कुछ सवाल कर आप इससे बच सकते हैं...
  2. मैं इस योग्य नहीं हूं: योग्यताजन्म से नहीं मिलती, उसे विकसित करना होता है। हर समय बदलते माहौल के अनुरूप तैयारी करनी होती है।
  3. दूसरों को दोषी मानते हैं: अपनी हालत के लिए दूसरो को देाष देने की आदत अपनी जिम्मेदारियों से बचने की निशानी है।
  4. नाकामयाबी से बचते हैं: सफलता से ज्यादा असफलता का डर है तो इसका मतलब यह है कि आप जोखिम लेने से डरते हैं। 
  5. शिकायत करते हैं: हालात या लोगों के बारे में शिकायत करने का कोई फायदा नहीं।खुद के बार नजरिये में बदलाव कर ही सफलता मिल सकती है।


शनिवार, 4 अप्रैल 2015

लेसन फ्राॅम ग्रेट थिंकर

लेसन फ्राॅम ग्रेट थिंकर: डाॅकिन्स ने 1976 में मानव व्यवहार को समझने के लिए “मीम“ की परिकल्पना दी
समस्या से ज्यादा खूबसूरत होता है हल
 1: रिर्चड डाॅकिन्स:26 मार्च 1941 को केन्या में जन्मे ब्रिटिश जीवविज्ञानी और लेखक। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे।
हमंे हर तरह से खुले दिमाग का होना चाहिए, लेकिन दिमाग को इतना भी नहीं खोल लेना चाहिए कि उसमें से बुध्दिी ही बाहर निकलकर गिर जाए।
2: तथ्यों की पड़ताल और उन पर विचार से भागने के लिए आस्था एक शानदार और उच्चस्तरीय बहाना है।
3: लोग साहित्य के अल्पज्ञान और अज्ञान को महिमामंडित नहीं करते हैं, लेकिन विज्ञान और गणित की कमजोरी को गर्व और घमंड की तरह बताया जाता है।

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

ज्यादा काम की आदत तो कॅरिअर में दिक्कत

                   आॅफिस में ज्यादा समय देना, देर रात तक काम करना, हर छोटे लक्ष्य को हासिल करने के लिए जान लगा देना-काॅर्पोरेट सेक्टर में बेहतर कॅरिअर केे लिए ये सारे गुण जरूरी माने जाते हैं। खासकर  कॅरिअर के शुरूआती दौर में। लेकिन आगे चलकर यही बड़ी जिम्मेदारियों से दूर करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक लीडरशिप पाॅजिशन पर पहुंचने के बाद ये फायदे से ज्यादा नुकसान का कारण बनते हैं।