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सोमवार, 8 जून 2015

चीजों को ऐसे देखें जैसे पहली बार देखे रहे हैं, जीवन से उबेंगे नहीं

अमृत साधना ओशो मेडिटेशन रिर्जाट, पुणे
रोज-रोज वही जिंदगी जीने से लोग उब जाते हैं इसलिए जिंदगी में कुछ नयापन चाहते हैं, उसके लिए देश विदेश की यात्रा करते हैं, नए संबंध बनाते हैं, लेकिन एक बात भूल जाते हैं कि उनका मन  तो पुराना ही है। जिन आंखों से दुनिया देखते हैं वे तो बासी ही हैं। शरीर को तो रोज धोते हैं, साफ  सुथरा रखते हैं, लेकिन मन न जाने कब धोया था, या कभी नहीं धोया। वर्षो की स्मृतियां पड़ी है भीतर। कितने घाव दबे हैं, कितनी इच्छाएं लहरा रहीं हैं। फिर जीवन का अनुभव उसी पुराने मन से लेते हैं। जीवन रोज नया होता जाता है जैसे सुरज रोज नया होता है, वृक्ष रोज नए होते हैं। पक्षी रोज वही राग आलापते हैं, लेकिन कितना नया ताजा लगता है।

रविवार, 7 जून 2015

जिन्होंने की होंडा कंपनी की शुरूआत

सोइचिरो होंडा: जापानी इंजीनियर, इंडस्ट्रीयलिस्ट और आॅटोमोबाइल जायंट सोइचिरो होंडा, होंडा कंपनी के मालिक हैं। इनका जन्म 17 नवंबर 1906 को हामामात्सु में हुआ था।
सोइचिनो होंडा का जीवन बाधाओं से पार पाने और मेहनत के बल पर सफलता हासिल करने की कहानी है। उनका बचपन पिता के साथ साइकिल रिपेयरिंग का काम करते हुए बीता। जब वह हाई स्कूल में थे, एक कंपनी टोक्यो आर्ट शोकाई का विज्ञापन देखा, जो आॅटोमोबाइल और गैसोलीन इंजर रिपेयर करती थी। सोइचिरो ने तय कर लिया कि वे इस कंपनी में काम करेंगे। 15 साल की उम्र होंडा हाई स्कूल की पढ़ाई अधूरी छोड़ आर्ट शोकाई जाॅइन करने टोक्यो पहुंच गए। कंपनी के मालिक यूजो सकाकीबारा ने जल्द ही होंडा में छुपे इंजीनियर को पहचान लिया। साकाकीबारा ने होंडा की दिलचस्पी मोटर स्पोट्र्स में जगाई।

शनिवार, 6 जून 2015

ऐसे बन सकता है जीवन और ज्यादा मुश्किल

1: दूसरे लोग इसलिए आपको दर्द पहंुचाते हैं, क्योंकि आप उनसे जिस तरह के व्यवहार की उम्मीद  करते हैं, उस तरह का बर्ताव नहीं करते हैंः इसे उदाहरण से समझते हैं। आॅफिस में आपकी टीम है। उसमें एक सदस्य अपना काम अच्छे से कर रहा है, लेकिन उसका काम उस तरह से नहीं है जिसकी आप उम्मीद करते हैं। आप उससे कुछ और उम्मीद करते हैं, वे कुछ और ही करता जा रहा है। इससे आपको दर्द पहुंचता है। इतना ही नहीं, जिस तरह के व्यवहार या बर्ताव की उम्मीद उससे कर रहे है,  वैसा वे नहीं कर रहा है। इस समस्या से बाहर निकलने का सबसे आसान तरीका यह है कि किसी भी व्यक्ति से कोई उम्मीद न करिए। उम्मीद करने से दर्द पहुंचता है। न उम्मीद करंेगें, न ही दर्द ही पहुंचेगा।

शुक्रवार, 5 जून 2015

जागृत होने के लिए खुद के भीतर देखिए

कार्ल जंग: 26 जुलाई 1875 - 6 जून 1961
कार्ल गुस्ताव जंग स्विटजरलैंड के विचारक और मनोचिकित्सक थे। उन्हें विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान का फाउंडर माना जाता हैं। उन्होंनंे दर्शनशास्त्र, समाज, साहित्य, कला और धार्मिक अध्ययन के क्षेत्र में भी काम किया है।

गुरुवार, 4 जून 2015

खुद को प्यार करने के कुछ असरदार तरीके


  1. समय -समय पर खुद को बताते रहिए कि आपको खुद में क्या चीजें पसंद हैं। ऐसा करने से आपको खुद से प्यार हो जाएगा।
  2.  दूसरे लोगों की रजा़मंदी के लिए इंतजार करना बंद कर दीजिए। जो आपको लगता है, वह जरूरी करिए। किसी का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
  3. जैसे हैं, वैसे ही रहिए और उसके साथ जुड़े रहिए।
  4. जो लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं उनके साथ दूरी बनाए रखिए।
  5. जो कुछ अतीत में हो चुका है, उसे भूल जाइए। आगे बढ़ते रहिए। इसी से फायदा होगा।
  6. जिन चीज़ोें से आपको लगता है कि फायदा होगा, उन्हें अपनी रूटीन में जल्दी से जल्दी शामिल करिए।
  7. जो गलतियां आपने अब तक नहीं कि हैं, उन्हें भी समझिए और दूरी बनाए रखिए। 
  8. आप जो हैं या अभी आपके पास जो है, उसके लिए खुद को शुक्रगुजार रहिए।


बुधवार, 3 जून 2015

मुफ्त में नहीं मिलती नींद

अमृत साधना: ओशो मेडिटेशन रिजाॅर्ट , पुणे।
हम जो भी चीज लाते हैं उसके लिए हम कोई न कोई कीमत चुकाते हैं। लेकिन नींद के बारे में हम  कभी नहीं सोचते कि क्या हमने इसकी कीमत चुकाई हेै या कि हम इसे मुफ्त में चाहते हैं? नींद की कीमत क्या है? श्रम। एक समय था जब गहरी नींद की कीमत लोग दिन भर श्रम करके चुकाते थे। पर अब नींद समस्या बन गई है।
नींद दो तलों पर होती है शरीर की और मन की। आधुनिक आदमी दोनों तलों पर कीमतें नहीं चुकाता। शरीरिक नींद के लिए दिन भर शरीर को इतना थकना होता है कि रात बिस्तर पर गिरते ही नींद आ जाए इसे कबीर बड़ी खूबसूरती से कहते है, ‘जिन आंखों में नींद घनेरी तकिया और बिछौना क्या रे!‘ बीच बजार में सड़क के किनारे मैली चादर ओढ़कर गहरी नींद सोए किसी मजदूर को देखा है? उसे ट्रैफिक का शोर विचलित नहीं करता। लेकिन मुलायम गद्दों पर लोग करवटें बदलते रहते हैं। 

मंगलवार, 2 जून 2015

कष्ट उठाने से ही किस्मत अच्छी बनेगी

एडगर एलन 1809 - 1849: अमेरिकन राइटर, क्रिटिक और एडिटर एडगर एगल पो को उनकी रहस्यमयी और हाॅरर कहानियों व कविताओं के कारण जाना जाता हैं। उन्होंने आधुनिक डिटेक्टिव कहानियों की शुरूआत की 1845 में उनका लिखा रावेन उनकी श्रेष्ठ कविता मानी जाती है।
1: अगर आप किसी बात को तुरंत भूल जाना चाहते हैं तो समझ लीजिए यह याद रखने की बात है। 
2: जो आपने देखा उस पर आधा ही भरोसा कीजिए और जो सुना उस पर बिल्कुल नहीं।
3: नफरत के एक मिनट में प्यार के कई साल भुला दिए जाते हैं।

सोमवार, 1 जून 2015

भावनाओं पर काबू रखने वाले इन 8 बातों से रहते हैं दूर

भावनाओं पर काबू रखना सबसे मुश्किल होता है, लेकिन जो लोग अपनी भावनाओं पर काबु रखना जानते हैं उनके लिए मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से निकलना आसान हो जाता है। ऐसे लोग आठ
तरह के काम बिल्कुल नहीं करते हैं। जानिए इनके बारे में...
1: दूसरो लोग उनके साथ जैसा भी बर्ताव करें, भावनाओं पर काबू रखने वाले लोग कभी किसी के व्यवहार को निजी तौर पर नहीं लेते हैं। वे दूसरों की बातों को सुनते हैं और उसे वहीं भूल जाते है। उसे अपने दिल में नहीं रखते हैं।
2: उनके सामने जैसी भी परिस्थिति आए, वे कभी रिएक्ट नहीं करते हैं। ऐसा भी नहीं है कि उनके साथ हो रहे गलत व्यवहार का जवाब नहीं देते हैं। लेकिन वे माइंडफुली चलते हैं। यानी गुस्से में आकर जवाब देने के बजाय दिमागल से काम लेते हैं।
3: ऐसे लोग बदलाव पसंद करते हैं। उनके लिए बदलाव जिंदगी का महत्वपूर्ण अंग रहता हैं। वे बदलाव को सकारात्मक सोच के साथ अपनाते हैें। बदलाव से भागने या दूर होने की कोशिश नहीं करते हैं। वे बदलती परिस्थिति के साथ खुद को खूबसूरती के साथ बदल देते हैं, जिससे किसी को परेशानी ना आए।
4: उनके साथ कुछ गलत होता है या वे कोई गलती करते हैं, तो वे कभी यह सोचने नहीं लग जाते कि दुनिया खत्म होने वाली है। अब कुछ भी सुधरेगा नहीं या जिंदगी पहले की तरह वापस पटरी पर लौटेगी नहीं। वे अपनी सोच को सकारात्मक रखते है। उनका ध्यान हमेशा आगे बढ़ने पर होता है। वे कभी, किसी एक चीज़ पर खुद को रोक नहीं लेते है।
5: जीवन में उनके साथ कभी कुछ निगेटिव हुआ है तो जो उनकी भावनाएं आज हैं, उन्हें पुरानी चीजों के साथ बिल्कुल भी नहीं जोड़ते हैं। उन्हें आज में जीने का हुनर बखूबी आता हैं। वे भावनाओं को सिर्फ भावनाओं की तरह लेते हैं, जिंदगी की तरह नहीं।
6: जहां लोग बहस कर रहे हों या कोई ड्रामा चल रहा हो, ऐसे लोग इन जगहो पर जाना बिल्कुल पसंद नहीं करते हेै। वे खुद को ऐसी चीजों से दूर रखते हैं।
7: भावनाओं पर काबू रखने वाले लोग खुद से नफरत नहीं करते हेैं। जब वे डिप्रशन में जाने लगते हैं तो वे खुद से पूछते हैं कि क्या उनका जन्म इन सभी चीजों के लिए हुआ था? वे हर समय नए विचारों के बारे में सोचते हैं। वे खुद को पसंद करते हैं और खुद से प्यार करने वाले जज्बात रखना चाहते है। उनका खुद के प्रति नजरिया बहुत अलग बहुत खूबसूरत होता है।
8: वे कभी परफेक्ट बनने की कोशिश नहीं करते हैं। जैसे है, वैसे ही रहने से उन्हें खुशी मिलती है। वे सभी के सामने एक-जैसे रहते हैं। उनका एक ही रंग होता है। और वे सभी के आगे वैसे ही रहते है। वे किसी दूसरे व्यक्ति के जैसे बनने का भी प्रयास नहीं करते हैं। उन्हें खुद से बेहद प्यार होता हैं।