हर व्यक्ति की खुशी का ध्यान रखना: अपनी खुशियों को ध्यान में रखिए। दूसरे लोग खुश है या नहीं, इस बारे में जानने से कोई फायदा नहीं है। क्योंकि सभी को खुश रखना आपकी जिम्मेदारी नहीं है।
हर काम आसान हो जाए: जो काम बाकी लोग नहीं कर रहे है, जिन लोगों से आप डरते है, इसके बारे में सोचिए। क्योंकि यह चीजें आपके व्यक्तित्व को बनाती हैं।
हर व्यक्ति और परिस्थिति को काबू करना: इस बारे में सोचना ही गलत हैं, कि आप हर व्यक्ति पर और हर परिस्थिति को काबू में कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करना मुमकिन नहीं है। हो सकता है कि परिस्थितियां आपके अनुकुल न हों, लेकिन परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। जो जिंदगी ने आपके बारे में सोचा है वैसा करते रहिए
हर पल खुशियां मिलती रहें: ब्याह-शादी, जन्मदिन आदि कुछ मौके हैं जो खुशियां से भरपूर होते है। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता है सह मौके भी बीत जाते हैं। अगर आप सोचते है कि हर वक्त खुशियों से भरा रहे तो आप गलत है। खुश रहना अलग है और खुशियां ही खुशियां होना दूसरी चीज हैं।
रिस्तों का मतलब होता है खुशियां: जीवन में खुशियां जरूरी हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हर रिस्ता आपको खुश रखे। खुशियां अंदर से आती हैं। कोई दूसरा व्यक्ति आपको खुशियां नहीं दे सकता। लेकिन अगर आप दूसरो में अपनी खुशियां तलाश रहे हैं तो खुद के साथ गलत कर रहे हैं।
हर समय सभी रिश्ते ठीक तरह से रहें: रिस्तेदारों और दोस्तों की सूची लंबी है। आपको ऐसा लगता है कि हर समय सभी रिस्ते एक-दूसरे के साथ ठीक तरह से चलने चाहिए तो ऐसा मुमकिन नहीं है। कुछ लोग आपसे खुश रहेंगे तो कुछ लोग खफा भी हो सकते हैं। सभी रिस्तों में परफेक्शन ढंूढ़ने से कोई अर्थ नहीं होगा। आप अपना सर्वोत्तम दीजिए। बाकी जो होना है, वैसा होगा ही।
दूसरों से बेहतर बनना: आप जैसे हैं, वैसे ही रहिए। किसी दूसरे जैसा बनने से कोई फायदा नहीं होगा। इससे तनाव और ईष्र्या की भावना बढ़ेगी। खुशियां की जगह उदासी छाएगी।
लेसन फ्राॅम ग्रेट थिंकर: सब कुछ गलत हो तो भी खुद पर विश्वास रखिए। ऐसे ही आगे बढ़ सकेंगे...
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