ज्यादातर लोग एक वक्त पर कई काम करते हैं। इससे जिंदगी की गति तेज़ लगती है, लेकिन दिमाग इन चीज़ों को जल्दी प्रोसेस नहीं कर पाता है। कुछ लोग ऐसे हैं जो काम को निजी जीवन से अलग नहीं कर पाते हैं। इससे दिमाग हमेशा काम में ही उलझा रहता है। इसका एक ही हल है। बिज़ी वर्क लाइफ के प्रेशर और डिमांड को मैनेज करने से सकारात्मक नतीजे मिलेंगे। ऐसा करना आसान नहीं है, लेकिन इन टिप्स को फाॅलो करने से फायदा होगा...
यह सिर्फ एक जाॅब है, जिंदगी नहीं: जाॅब में सबसे अच्छा परफॅार्म करके आगे बढ़ने की सोच अच्छी है, लेकिन जाॅब को जरूरत से ज्यादा अहमियत देना गलत है। ऐसा करने से आगे बढ़ जाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य को नुकसान होगा।
रूटीन बनाना जरूरी: सुबह उठते ही स्मार्टफोन उठाकर ईमेल चैक करने की जरूरत नहीं है। घर और काम को अलग करने के लिए एक रूटीन बनाएं। घर पर हो तो ऐसे काम करिए जो इंटरेस्ट के हैं। जैसे अखबार पढ़ना, गार्डनिंग करना या कोई स्पोर्ट खेलना आदि। आॅफिस में भी पूरा दिन ईमेल चैक करने की जरूरत नहीं है। एक वक्त निर्धारित करिए जब आप ईमेल्स चैक करेंगे।
दोस्त बनाइए: आॅफिस में कुछ दोस्त हैं तो अच्छा है। उनके साथ गाॅसिप सेशन बनाए ऐसा काम के दौरान न करें, लेकिन काम पूरा होने के बाद। सेशन में अपनी समस्याओं की चर्चा करिए। इसी तरह से आॅफिस के लोगों के साथ बाहर जाने से भी तनाव कम होगा।
मजबूत वर्किग रिलेशन: बाॅस के साथ अच्छा वर्किंग रिलेशन जरूरी है। कई बार बाॅस के साथ कम्युनिकेशन गैप होने के कारण तनाव बढ़ने लगता है। कई बाॅस अच्छे होते हैं, लेकिन एक बुरे बाॅस के साथ काम करना गलत साबित होगा। जबकि अच्छे बाॅस के साथ कोई बोरिंग जाॅब भी इंटरेस्टिंग लगेगी।
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