हर व्यक्ति समस्या और परेशानी को अलग नजरिये से देखता है। आप भी दिक्कतों को अपने अनुसार देखते होंगे। यह ज्यातर नकारात्मक ही हाती है। आज कुछ ऐसे े
प्रश्नो के बारे में जानिए जिसके बारे में जानकारी होने से आप समस्याओं को अलग ही तरिके से देखने लगेंगे। जानिए इन प्रश्नो के बारे में-
किसी चीज को लेकर आप अभी सकारात्मक और खुश रहना चाहते हैं तो वह क्या होगी: स्ट्रेस और निगेटिविटी से बाहर निकलने का एक हथियार है। वह है किसी ऐसी बात या व्यक्ति के बारे में सोचना जो सकारात्मक सोच रखता है और उसके साथ आप खुश रहते हैं।
किस समस्या के लिए शुक्रगुजार हैं कि वे समस्या अभी नहीं घटी: कुछ समस्या बड़ी होती हैं और कुछ छोटी। छोटी-छोटी बातों को समस्या समझना ही नहीं चाहिए। जब कोई परेशानी आए तो ऐसी एक परेशानी या दिक्कत के बारे में सोचिए जो वाकई में बहुत गंभीर है और आप भगवान के शुक्रगुजार हैं कि अभी नहीं हो रहा है।
अभी आप किस बात के बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहते और खुद को क्या अच्छा कहना चाहते हैं: समस्या से घिरे तो ऐसी बातों के बारे में सोचिए जिन्हें आप खुद को कहना चाहते हैं। यकिनन ही वह शब्द अच्छे होंगे। इन शब्दों को खुद से जरूर कहिए। ऐसा करने से आपको ताकत मिलेगी और यह समस्या का हल निकालने का औजार भी साबित होगा।
दूसरों का कसूर निकालकर अपनी जिम्मेदारियों से भागेंगे या एक्शन प्लान बनाकर आगे से आगे बढ़ना चाहते हैं: पहले से समस्या में हैं, आप और समस्या बढ़ाना तो नहीं ही चाहते होंगे। इसलिए दूसरों का कसूर निकालकर अपनी जिम्मेदारियों से भागने की बजाए आगे बढ़ने के बारे में सोचिए। एक अच्छा एक्शन प्लान बनाइए और उस पर चलना शुरू कर दीजिए।
किन लोगों को माफ करना चाहते हैं: माफी देने का मतलब परिश्थितियों को सुधारना नहीं है। और आप हर व्यक्ति या परिस्थिति को माफ करना या भूलना भी नहीं चाहते हैं। लेकिन आप हर किसी को माफ करके खुद को आजाद करिए। अपने साथ रहिए। जैसे हैं वैसे ही रहिए और आगे बढ़ते जाइए।
फिलहाल आप ऐसी किन बातों के बारे में जानते हैं जो आने वाले समय में अच्छी या सही साबित होंगी: कुछ ऐसी बातों के बारे में सोचिए जो आने वाले समय में बिल्कुल सही साबित होंगे या जिन्हें अपनाने से जीवन में कोई न कोई बदलाव जरूर आएगा।
जीवन के अनुभवों को शब्दों में नहीं, कहानी के जरिये सुनाने से पड़ेगा गहरा प्रभाव
घर हो, काॅलेज या आॅफिस...अक्सर लोग सेल्फ- प्रमोशन को अहमियत नहीं देते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने में कुछ अच्छा नहीं होता है, लेकिन गलत जरूर साबित हो जाते हैं। पर यह सोचने की जरूरत नहीं हैं। इस समस्या से निकलने के लिए कंपनियां अपने टैलेंट की खासियत को पेश करने के लिए कहानियों का सहारा लेते हैं, न कि शब्दों का। आप किसी को कहेंगे कि मेरे मार्केटिंग स्किल्स जबर्दस्त हैं तो लगेगा जैसे आप तारिफ कर रहे हैं। अगर इसे कहानी की तरह सुनाएंगे, अपने अनुभव बांटेंगे तो बाकी लोगों को यह सुनकर ज्यादा अच्छा लगेगा। वह इसे प्रेरणा की तरह लेंगे और कुछ सीखेंगे भी।े जैसे कि आप दोस्तों के साथ कहीं बाहर गए है। और स्टार्टअप पर चर्चा चल रही है। आपने भी स्टार्टअप लाॅन्ज किया है तो अपनी कहानी सुनाइए। आपके साथ जो अच्छा या बुरा हो रहा है उसे अंत मंे बताएं। क्योंकि स्टार्टअप की तारिफ करने से लोग आपकी तरफ देखने लगेंगे, आप स्पाॅटलाइट में आ जाएंगे, मगर आपकी बातों से ज्यादा प्रभावित नहीं होगे। जबभी खुद को प्रमोट करने के बारे में सोचें तो विनम्र रहिए। आपकी कुछ उपजब्धियों से बाकी लोगों को ईष्र्या भी हो सकती है।
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