1: दूसरे लोग इसलिए आपको दर्द पहंुचाते हैं, क्योंकि आप उनसे जिस तरह के व्यवहार की उम्मीद करते हैं, उस तरह का बर्ताव नहीं करते हैंः इसे उदाहरण से समझते हैं। आॅफिस में आपकी टीम है। उसमें एक सदस्य अपना काम अच्छे से कर रहा है, लेकिन उसका काम उस तरह से नहीं है जिसकी आप उम्मीद करते हैं। आप उससे कुछ और उम्मीद करते हैं, वे कुछ और ही करता जा रहा है। इससे आपको दर्द पहुंचता है। इतना ही नहीं, जिस तरह के व्यवहार या बर्ताव की उम्मीद उससे कर रहे है, वैसा वे नहीं कर रहा है। इस समस्या से बाहर निकलने का सबसे आसान तरीका यह है कि किसी भी व्यक्ति से कोई उम्मीद न करिए। उम्मीद करने से दर्द पहुंचता है। न उम्मीद करंेगें, न ही दर्द ही पहुंचेगा।
2: कई बार परिस्थितियां मुश्किल हो जाती हैं, लेकिन उस समस्या से बाहर निकलने के लिए आप बहुत जल्दी हार मान जाते हैं। आपको लगता है कि यह स्थिति बिल्कुल भी आसान नहीं हैः समस्याएं आएंगी ही। मुश्किलें बढ़ती जाएंगी। ऐसे में हार मानने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आप जितनी जल्दी हार मानेंगे, उतनी ही परिस्थितियां मुश्किल बनती जाएंगी। जितनी जल्दी हार मानेंगे, उतना ही समस्या को समझने में समय लग सकता है। इससे बाहर निकलने को एक ही है, समस्या जितनी गंभीर है। आप उतनी ही गंभीरता के साथ उससे निकलने के लिए डटे रहिए।
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