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रविवार, 17 मई 2015

डाइट, हाॅर्मोन, स्टैªस हैं कारण

डाॅ. आरके जोशी: सीनियर कंसल्टेंट डर्माटोलाॅजिस्ट, अपोलो हाॅस्पिटल, नई दिल्ली।
50 वर्ष की उम्र में भी हो सकते हैं मुंहासे
कुछ लोगों को 30, 40, और 50 साल की उम्र में भी एक्ेन ( मंुहासे )ेेे की समस्या होती है। यह भी हो सकता है कि आपको पहली बार इसी उम्र में एक्ने हो। इसके कई कारण हैं। जैसे-तनाव, हाॅर्मोन और डाइट। आॅइल, मिट्टी और डेड सेल्स के मिलने ये पोर खुल जाते हैं। तनाव का एक्ने से सीधा रिश्ता है। तनाव के कारण शरीर में एंड्रोजेन हाॅर्मोन बनने लगता है। यह हाॅर्मोन त्वचा में आॅइल ग्लैंड बढ़ाते हैं, जिनसे एक्ने की समस्या होती है। फैमिली हिस्ट्री का भी असर पड़ता है। बालों और त्वचा पर इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स में कुछ कैमिकल ऐसे डाले जाते हैं जिनसे एक्ने की समस्या होती है। कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट एक्ने ही है। कई बार एक्ने किसी बीमारी का लक्षण भी हो सकते हैं।

इससे बचने के लिए रोज़ मेकअप, धूल-मिट्टी को अच्छी तरह साफ करिए। अच्छा स्किन क्लीनर लगा सकते हैं जो त्वचा में माॅइश्चराइज़ न करें। रेटिनाॅइड क्रीम और  लोशन भी असरदार रहेगा। झुर्रियां भी जल्दी नहीं आएंगी।
स्पाॅट ट्रीटमेंट के लिए सल्फर युक्त प्रोडक्ट्स फायदेमंद रहेंगे। बेन्ज़ाॅइल पेरोक्साइड भी अच्छा विकल्प है एक्ेन कम करने के लिए। लेकिन इसे कभी-कभी लगाएं, क्योंकि यह त्वचा को ज्यादा ड्राय कर देता 
है। कुछ कोॅस्मेटिक में सेलिस्लिक एसिड होता है जो एक्ने से लड़ने में मददगार रहता है। स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जिनपर लिखा हो नाॅन-कोमेडोजनिक या नाॅन-एक्नेजेनिक। लंबे समय तक एक्ने ठीक न हों तो स्किन स्पेशलिस्ट को दिखाएं। वे कुछ ऐसी दवाएं दे सकते है। जिसके पोर बंद हो जाएं और हाॅर्मोन्स को भी नियंत्रित किया जा सके। इन्फेक्शन का कारण भी पता चल सकेगा।

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